Sunday, February 19, 2012

प्यार या ज़िन्दगी

प्यार में मिलना ज़रूरी नहीं, प्यार में इज़हार भी ज़रूरी नहीं,
ज़रूरी सिर्फ एहसास है जिंदगी सवारने का, उन्हें पाना या न पाना ज़रूरी नहीं.

कल तक उनके साथ चलते चलते, जो राहे हरी भरी सी लगती थी,
आज उनसे अलग होने के बाद, वो भी सूखे पत्ते की तरह हो गयी है.

एक दिन उन्होंने खुद ही कह दिया, कि उन्हें हमसे प्यार है,
आज हम उनके प्या र मे, अपनी जिंदगी को खोज रहे है.

1 comment:

Anonymous said...

very true........