Sunday, January 15, 2012

रात की तन्हाई

आखों से टूटते है सितारे तो क्या हुआ,
चलते नहीं वो साथ हमारे तो क्या हुआ.........................
उनके इंतजार में सारी रात गुज़र गयी तो क्या हुआ,
वो फिर भी नहीं आये तो क्या हुआ..............................

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चला चला मैं चला रात भर,
चाँद को कांधे पर रख कर..............
फिर सारा दिन मैं खड़ा रहा,
सूरज की उंगली पकड़ कर...................
 

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