जिम्मेदारी:
जो लोग अपनी जिम्मेदारी को अपनी समझदारी से पूरा करते है वो लोग सफल जरूर होते है.
समझदारी:
जो लोग अपनी समझदारी से अपनी जिम्मेदारी को दूसरों के उपर डालते हैं, वो आगे तो बढ़ते है, मगर ज्यादा सफल नहीं होते है.
ज़िम्मेदारी:
जो लोग दूसरो के काम को अपना काम समझकर उसे पूरा करते है, वो लोग अपनी ज़िम्मेदारी से कभी पीछे नही रहते हैं।
समझदारी:
जो लोग अपने काम को खुद पूरा करने के बजाये दूसरो से करवाते हैं, वो लोग बस अपनी समझदारी मे ही रह जाते हैं।
जो लोग अपनी जिम्मेदारी को अपनी समझदारी से पूरा करते है वो लोग सफल जरूर होते है.
समझदारी:
जो लोग अपनी समझदारी से अपनी जिम्मेदारी को दूसरों के उपर डालते हैं, वो आगे तो बढ़ते है, मगर ज्यादा सफल नहीं होते है.
ज़िम्मेदारी:
जो लोग दूसरो के काम को अपना काम समझकर उसे पूरा करते है, वो लोग अपनी ज़िम्मेदारी से कभी पीछे नही रहते हैं।
समझदारी:
जो लोग अपने काम को खुद पूरा करने के बजाये दूसरो से करवाते हैं, वो लोग बस अपनी समझदारी मे ही रह जाते हैं।
घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर
गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर
बुझे दीप घर-घर हुआ शून्य अंबर
निराशा निशा ने जो डेरा जमाया
ये जयचंद के द्रोह का दुष्ट फल है
जो अब तक अंधेरा सबेरा न आया
मगर घोर तम मे पराजय के गम में विजय की विभा ले
अंधेरे गगन में उषा के वसन दुष्मनो के नयन में
चमकता रहा पूज्य भगवा हमारा॥१॥
http://www.youtube.com/watch?v=6Cz-x3I34vI