Sunday, May 6, 2012

जिम्मेदारी और समझदारी:

जिम्मेदारी:
जो लोग अपनी जिम्मेदारी को अपनी समझदारी से पूरा करते है वो लोग सफल जरूर होते है.

समझदारी:
जो लोग अपनी समझदारी से अपनी जिम्मेदारी को दूसरों के उपर डालते हैं, वो आगे तो बढ़ते है, मगर ज्यादा सफल नहीं होते है.

ज़िम्मेदारी:
जो लोग दूसरो के काम को अपना काम समझकर उसे पूरा करते है,  वो लोग अपनी ज़िम्मेदारी से कभी पीछे नही रहते हैं।

समझदारी:
जो लोग अपने काम को खुद पूरा करने के बजाये दूसरो से करवाते हैं, वो लोग बस अपनी समझदारी मे ही रह जाते हैं।

Wednesday, May 2, 2012

मुझे भी लेते चलो

कुछ दिनों पहले की बात थी, इस भीड़ भरी लाइफ से और अपने काम से मैंने कुछ दिन अलग रहने का फैसला किया. मैं कुछ दिनों छुट्टी पर चला गया. मंजिल का पता ही नही था बस खुद पे भरोसा करके चलता चला गया, देखना चाहता था की मंजिल मुझे कहा तक ले जाती है.
                  मेरे साथ कोई भी नहीं था, बस मैं और मेरी तन्हाई. अपनी इन्हीं तन्हाइयो के साहारे मैं चलता चला गया, और अपनी मंजिल को ढूंढता रहा. काफी दूर बस से चलने के बाद मैंने कहीं रुकने का फैसला किया, कहीं किसी छोटे से शहर मे बस रुकी तो मैंने भी वही रुकने का फैसला किया. मैं बस से उतर गया और चलने लगा. थोड़ी दूर चलने के बाद मैंने किसी से यहाँ रुकने के लिए होटल के बारे मे पूछा, उसने थोडा आगे चल कर जाने के लिए बोला और ये भी बताया कि यहाँ इससे अच्छा होटल नही मिलेगा.
                 मैं वहां गया और मैंने उस होटल वाले से बात की. मैंने उसे बताया कि मैं यहाँ १०-१५ दिन के लिए आया हूँ, तब तक मुझे रहने के लिए कमरा किराये पर चाहिए. वो एक छोटे से शहर में होने और अच्छा होने के कारण उसने उसका किराया ३०० रूपए / दिन का बताया, मेरे पास और कोई बिकल्प नहीं था इसीलिए मैंने उसे ही लेना उचित समझा.
                 उसने मुझे पहले ही रूम के बारे मैं बता दिया था, और ये भी बताया था कि आपका रूम बहुत हवादार हैं. उसमे आपको कोई परेशानी नहीं होगी. मैंने उससे ज्यादा बात न करते हुए रूम कि चाभी ली और रूम में चला गया. जैसे ही मैंने रूम को खोला और उसके अंदर जाने के लिए कदम बढाया, उसमें जो मुझे अनुभव हुआ उसके बारे में आपको क्या बताऊँ इतना अच्छा रूम था कि मन कर रहा था कि बस वही रुक जाऊ, रूम के ठीक सामने खिड़की थी और वहां से ठंडी हवा आ रही थी. ऐसा लग रहा था कि मानो जन्नत में आ गए हो
               रूम के अन्दर जाते ही इतनी ठंडी हवा के सामने मेरी सारी थकान उतर गयी. ऐसा लग ही नहीं रहा था की मैं सफ़र करके आ रहा हूँ. सच में उसने जैसा कहा था रूम बिलकुल वैसा ही निकला. सफ़र के दौरान सहीं से न सो पाने के कारण मुझे नींद आ रही थी और वैसे भी इतनी अच्छी हवा के सामने कौन नहीं सोना चाहेंगा, मैंने भी ऐसा ही किया, पहले थोडा सा फ्रेश हुआ और फिर सो गया. यकीन मानिये इतनी अच्छी हवा चल रही थीं की पता ही नहीं चला की कब नींद आ गयी. मैंने सोने से पहले जब टाइम देखा था तब दोपहर के एक बज रहा था और जब आँख खुली तब सुबह के पांच बज रहे थे. वो पूरा दिन में बिना कुछ खाए ऐसे ही सोता रहा. सुबह जब उठा तब मुझे बहुत भूख लग रही थी लेकिन इतनी ठंडी हवा के सामनें मेरा उठने का मन नहीं कर रहा था. थोड़ी देर बाद में मैं उठा और फ्रेश होकर सुबह का आनंद लेने चला गया.
              मैं बस सुबह का आनंद ले ही रहा था कि कुछ दूर चलने के बाद मुझे अचानक कोई महक सी अपने पास आती हुई लगी. मैंने उस महक की तरफ जाना उचित समझा, क्योंकि मुझे भूख भी बहुत लग रही थी. मुझे लग रहा था की वह कोई ज़रूर स्वादिस्ट चीज़ होगी. मैं जैसे ही आगे बड़ा वो महक और बढ गयी. थोडा और आगे चलने के बाद मुझे एक शॉप दिखाई दी, जो मीठे की शॉप थी. मैं वह पंहुचा तो मैंने देखा कि वहां गरमा गर्म जलेबी बन रही हैं. मैंने देर न करते हुए जलेबी को खाना ही उचित समझा, क्योकि मुझे भूख बहुत लग रही थी. मैंने उससे २००ग्राम  जलेबी ली. जैसे ही मैंने जलेबी खाई, वो बहुत ही स्वादिस्ट थी. उससे खा के ऐसा लगा कि जैसे मुह मैं रस भर गया हैं. मैंने उस दुकानदार से कहा कि तुम्हारी जलेबी बहुत ही अच्छी हैं उसे खा के तो मज़ा आ गया.
              वो बोला कि हमारी जलेबी में आपको स्वाद मिलेगा और आपकी तबियत भी खुश हो गयी होगी. मैंने उससे कहा कि भाई बहुत मज़ा आ गया तुम्हारी जलेबी खाकर, ये इतनी अच्छी हैं कि क्या बताऊँ इसके बारे में. उसके बाद मैंने उससे थोड़ी बाते की और इस शहर के बारे में कुछ जानना चाहा. उसने बताया की यहाँ बहुत शांति रही हैं यहाँ आपको बड़े शहर की तरह शोर शराबा नहीं मिलेगा, यहाँ के लोग अपनों की नहीं बल्कि दुसरो की भी मदद करते हैं, आप यहाँ कुछ दिनों के लिए आये ज़रूर हो लेकिन यहाँ से जाने के बाद इस शहर को जरूर याद करोगे. उसने कुछ जगह बताई जो घुमने के लिए बहुत अच्छी हैं. उसने कहा आप एक बार जायेगा ज़रूर. कुछ देर बात करने के बाद मैंने वह से चलने का सोचा. और मैं अपने रूम पर आ गया.
             जैसे ही मैं रूम पे आया वैसे ही मेरे रूम में वेटर कुछ खाने के लिए लेकर आ गया. मैंने उससे पूछा ये क्या हैं, तो उसने बताया की सर ये हमारे होटल की तरफ से हैं. हम अपने हर कस्टमर को सुबह चाय और बिस्कुट खाने के लिए देते हैं. ये हमारे होटल की तरफ से हैं. इतना कह कर वो चला गया. मैंने चाय बिस्कुट का नाश्ता भी कर लिया और नहाने के लिए चला गया. उअके बाद जब मैंने टाइम देखा तब ११ बज चुके थे. उसके बाद मैंने घुमने के लिए निकल गया था. जैसा उस जलेबी वाले ने मुझे बताया था. उस दिन मैंने तीन चार जगह गया और लोगो से भी बाते की. लोगो से उनके शहर के बारे में जाना लेकिन पता नहीं क्यों मैंने जिससे भी पूछा सबने एक ही बताया किसी ने कुछ नया नहीं बताया. उसके बाद मैंने रात का खाना खाया और उसके बाद में अपने रूम पे आ गया. पूरा दिन घुमने के बाद थकान की वजह से में जल्दी ही हो गया था.
              अगले दिन सुबह जब मैं उठा तब मैं फिर से टहलने चला गया और उसी जलेबी वाले की दुकान पर पहुँच गया, उसकी जलेबी इतनी अच्छी लगी कि रोज़ सुबह मैंने उसकी जलेबी खाने के बारे में सोचा. मैंने सोचा कि जब तक यहाँ पर हूँ  तब तक तो उसकी जलेबी खा ही सकता हूँ. मुझे देखते ही उसने मुझसे कहा कि बाबू जी कैसे हो. मैंने कहा कि बहुत अच्छा हूँ, तुम्हारी जलेबी कि महक मुझे यहाँ तक खीच के ले आई हैं. उसने बोला साहब ये मीठी चीज ही ऐसी हैं कि एक बार मन को छु जाये तो अपने आप बुला लेती हैं और में अपने मुहं से अपनी तारीफ़ क्या करूँ. जो तो आप के यहाँ आने से पता ही चल गया हैं, इतना कह कर उसने मुझे जलेबी दे दी. मैंने जलेबी खायी और उससे बाते की, उसने मुझे यहाँ के बारे में काफी कुछ बता दिया और बोला साहब आप जब तक यहाँ हो मुझे ज़रूर याद करोगे. मैंने कहा की ऐसी बात नहीं हैं में यहाँ से जाने के बाद भी तुम्हे याद रखूँगा और तुम्हारी जलेबी के बारे में सब को बताऊंगा. इतना कह कर मैं वह से चला गया. और अपने रूम पे चला गया.
             रूम पे जाने के थोड़ी देर के बाद मेरे होटल का चाय और नाश्ता भी आ गया. वहां सुबह की ठंडी हवा मानो मुझसे कुछ कह रही हो, या वहां पे किसी के होने का एहसास करा रही हो. उस ठंडी हवा के साथ मैंने सुबह की चाय का मज़ा लिया और उसके बाद फ्रेश होकर थोड़ी देर के बाद फिर से अपने सफ़र पे निकल गया. उस जलेबी वाले से जो बात की थीं उसी को याद मैं रख कर आगे चलता चला गया. जो जो उसने बताया था मैं हर उस जगह पर गया. वह के नज़ारे इतने अच्छे थें कि वह घुमने का अलग ही मज़ा आ रहा था. सुबह से कब शाम हो गयी पता ही नही चला. थोडा थका होने के कारण मैं एक पार्क मैं जाकर बैठ गया.
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Wednesday, April 25, 2012

साड़ी और नारी

साड़ी है कि नारी है, कि नारी है कि साड़ी है.
साड़ी बिच नारी है, नारी बिच साड़ी है.
साड़ी है और नारी है, नारी है और साड़ी है.
साड़ी संग नारी है, नारी संग साड़ी है.

देख एक साड़ी को, हर नारी ये कहती हैं,
ये साड़ी मेरी है, ये मेरी साड़ी है,
देख हर नारी को, साड़ी यही कहती है,
जो मुझे पहन ले, उसी की मैं साड़ी हूँ.

Friday, April 20, 2012

छोटी की आस

पानी की एक बूंद जो मिल जाये तो,
प्यासे की किस्मत चमक जाती हैं.
प्यार की एक झलक जो मिल जाये तो,
प्यार करने वालो की जिंदगी बदल जाती हैं.

Tuesday, April 10, 2012

एक छोटी सी लव स्टोरी


एक मुर्गी को एक कौआ से प्यार हो गया,



जब मुर्गे को पता चला तो वो मुर्गी के पास गया,



और बोला.........
कि मुझमें ऐसी क्या कमी है, जो तुम उस कौआ से प्यार कर बैठी.



मैं स्मार्ट हूँ , खुबसूरत हूँ  और तुम्हारी बिरादारी का भी हूँ,
फिर भी तुम मुझे छोड़ कर उस कौआ से प्यार कर बैठी.



मुर्गी:- मैं तुम्हारे जज्बातों कि कदर करती हूँ, लेकिन मैं क्या करू मै मजबूर हूँ.



मुर्गा:- ऐसी क्या मजबूरी थी कि तुम मुझे छोड़ कर उस कौआ के पास चली गयी.


मुर्गी:- क्योंकि वो एयर फ़ोर्स मैं है.

Wednesday, February 29, 2012

CB Series at Hobart - India Vs Sri Lanka



घूम घूम बल्ला घुमाया, धूम धूम क्रिकेट दिखाया
रोमांच के इस खेल में, एक और नया रोमांच जगाया,

जहा नहीं थी कोई आस जितने की, वहा जीत ही नहीं बल्कि बोनस अंक भी दिलाया,
क्रिकेट के इन महावीरो ने, एक नया इतिहास रचाया,

क्रिकेट के इन वीरो में जहा, सहवाग, सचिन, गंभीर, विराट और रैना ने
न केवल टीम को जीत दिलाई, बल्कि इंडियन फैन के दिलो में एक नयी उम्मीद जगाई.

लंका के ३२१ रनों के जबाब में, भारतीय बल्लेवाजो में जहा,
सहवाग और सचिन ने एक धमाकेदार स्टार्ट दिया,

वही गंभीर ने भी गंभीरता से खेल को आगे बढाया, और उनका साथ देने आये विराट ने,
न केवल विराट पारी खेल कर शतक लगाया, बल्कि रैना के साथ मिलकर टीम को भी जिताया.



Incredible India Team, Incredible Cricket, Incredible Win

Thursday, February 23, 2012

Thinking of girls before and after 2011

२०११ से पहले लडकियों की सोच
हम भारतीय नारी है, अबला बेचारी है.

२०११ के बाद लडकियों की सोच
हम भारतीय नारी है, सब पर भारी है.

Sunday, February 19, 2012

प्यार या ज़िन्दगी

प्यार में मिलना ज़रूरी नहीं, प्यार में इज़हार भी ज़रूरी नहीं,
ज़रूरी सिर्फ एहसास है जिंदगी सवारने का, उन्हें पाना या न पाना ज़रूरी नहीं.

कल तक उनके साथ चलते चलते, जो राहे हरी भरी सी लगती थी,
आज उनसे अलग होने के बाद, वो भी सूखे पत्ते की तरह हो गयी है.

एक दिन उन्होंने खुद ही कह दिया, कि उन्हें हमसे प्यार है,
आज हम उनके प्या र मे, अपनी जिंदगी को खोज रहे है.

Monday, January 30, 2012

The effect of fog

The super cool winds is stretched the mouth, the sun is also left with.
Front of the sheet of fog, our sheet with the left.

Sunday, January 29, 2012

कोहरे का असर

मदमस्त हवाओ ने मुह मोड़ा है, सूरज ने भी साथ छोड़ा है.
कोहरे की चादर के सामने, हमारी चादर ने भी साथ छोड़ा है.

ठण्ड के इस मौसम में जब जब, कोहरे ने अपना असर दिखाया है,
तब तब धुप की हल्की सी रौशनी ने, लोगो को एक नयी ख़ुशी का आनंद दिलाया है.

Saturday, January 28, 2012

A good leader's speech

So I do not have words to say,
But today I have something to say,
I think the depth of thought,
My thinking is that your voice.

Friday, January 27, 2012

अच्छे नेता के भाषण

कहने के लिए तो मेरे पास शब्द ही नहीं है,
पर आज मुझे कुछ कहना तो है,
फिर सोचा मैंने सोच के आशिआने से,
कि मेरी सोच ही आपकी आवाज़ है.

Wednesday, January 25, 2012

A meeting of strangers

Were far had the desire to meet them,
Had not wanted to go along with,
He became the strangers we met at some point,
Could not walk two steps and have been trying all my life.

अजनबी से एक मुलाकात



दूर थे पर उनसे मिलने की  चाहत थी,
साथ नहीं थे पर साथ चलने की खवाइश थी,
वो मिले बन के अजनबी हमें किसी मोड़ पे,
दो कदम न चल सके और सारी जिंदगी की खवाइश थी.

                **************

कल फिर किसी अजनबी से मुलाकात हुई,
उसकी आखो से मेरी भी आँखे चार हुई,
फिर उसकी हँसी से हमारी भी मुलाकात हुई,
न होठो से कोई बात हुई और न इशारों से कोई बात हुई,

                 **************

सपनो की दुनिया में हम खोते चले गये,
होश में थे फिर भी मदहोश होते चले गये,
जाने क्या बात थी उस अजनबी चेहरे में,
न चाहते हुए भी हम उसके होते चले गये.

             **************

पता नहीं क्यों लोग अजनबी को बुरा समझते है,
उस पर एतबार नहीं करते है,
जब होता है प्यार किसी अजनबी से,
तब उसको अजनबी नहीं समझते है.

           **************

पता ही नहीं चला कि कब उनसे दिल लगा बैठे,
लेकिन वो तो हमें अजनबी ही समझते रहे,
हमने सोचा कि उनसे अपने दिल की बात कह दे,
लेकिन वो तो बस यू ही मुस्कुराके के चल दिए.

                    **************

भगवान आपकी लीला भी अपरम पार है,
अपने दरबार मे बुलाया वो भी उसकी गली से,
जो कल भी मेरे लिए अजनबी थी,
और आज भी मेरे लिए अजनबी है.

Saturday, January 21, 2012

STAR POWER

I asked brightly in the night of stars,
Do not know why he hidden his face.

सितारों की चमक (STAR POWER)

रात में चमकते सितारों से मैंने कुछ पूछा,
पता नहीं क्यों उन्होंने मुह छुपा लिया.

फिर जब चाँद ने अपनी चांदनी को आसमान में फैलाया,
तब तारों ने हमें देख कर कुछ यु ही मुस्कुरा दिया.

Friday, January 20, 2012

Dark night has passed away

No tears to my eyes now derive, is not thought about them now,
Now the black cloud is gone, too, found themselves alone are not crying now.

बीत गयी काली रात

अब आँख से आंसू नहीं निकाले जाते, उनके बारे में अब सोचा नहीं जाता,
चली गई है अब काली घटा भी, खुद को तन्हा पाकर भी अब रोया नहीं जाता.

Wednesday, January 18, 2012

Poetry by Atal Bihari Vajpayee

गगन मे लहरता है भगवा हमारा ।
घिरे घोर घन दासताँ के भयंकर
गवाँ बैठे सर्वस्व आपस में लडकर
बुझे दीप घर-घर हुआ शून्य अंबर
निराशा निशा ने जो डेरा जमाया
ये जयचंद के द्रोह का दुष्ट फल है
जो अब तक अंधेरा सबेरा न आया
मगर घोर तम मे पराजय के गम में विजय की विभा ले
अंधेरे गगन में उषा के वसन दुष्मनो के नयन में
चमकता रहा पूज्य भगवा हमारा॥१॥

http://www.youtube.com/watch?v=6Cz-x3I34vI

The Boy's Imagination

Who saw the flower bud is formed,
Who have seen him hovering over bumblebee,
Swaying the butterflies who have seen
Who is seen as the beautiful,
In the end - 

Who has seen my future wife.

Tuesday, January 17, 2012

लड़के की कल्पना

कली को फूल बनते किसने देखा है,
उस पर मंडराते भँवरे को किसने देखा है,
झूमती हुई तितलियों को किसने देखा है,
उसके सुन्दर रूप को किसने देखा है,

Floor and the Way

Does not wander from floor to wander paths,
To wander from floor to get the right paths, the
Way that helps people understand in the floors,
Nor can he do to floors,
Off road floors helps people who create,
He reached to find your floors.

Monday, January 16, 2012

मंजिल और रास्ता

मंजिल से भटकना रास्तो से भटकना नहीं होता,
मंजिल से भटकना ही सही रास्तो को पाना होता है,

जो लोग केवल मंजिलो में ही आपना रास्ता समझते है,
वो कभी मंजिलो तक नहीं पहुच पाते  है,

जो लोग मंजिलो से हट कर आपना रास्ता खुद बनाते है,
वो ही अपनी मंजिलो तक पहुच पाते है.

क्योकिं मौसम बदलते हैं ताज़ा रहने के लिए,
रास्ते बदलते हैं फिर से मिलने के लिए,
आइना भी अपनी सूरत बदल लेता हैं,
जाते हुए के अच्छे और ख़ूबसूरत सफ़र के लिए.

Written by Anonymous

http://img1.imagehousing.com/36/a68a7c032934b770e640b33cc4d4aae3.gif

समोसे

एक सॉफ्टवेर कम्पनी के कर्मचारियों को एक दिन ऑफिस में बड़ी देर हो गयी ...सबको खूब भूख लग रही थी ...बॉस के पेट में भी चूहे दौड़ रहे थे और कर्मचारियों के पेट में भी ...यह फैसला किया गया की समोसे मँगाए जायें ..... सबके मुंह में पानी आ रहा था ... सब चाहते थे के जल्द से जल्द समोसे आ जायें तो वे चटखारे लेकर खाएं ......एक कर्मचारी ने ऑफिस के चपरासी से कहा के वह बगल के बाज़ार से समोसे ले आये .....चपरासी जा ही रहा था के डेस्क इंचार्ज ने रोक दिया ... वह अपने मातहत कर्मचारी को झिड़कते हुए कहने लगा , "तुम भी पुराने ज़माने के आदमी के तरह बर्ताव कर रहे हो ... चपरासी को दौडाने की क्या जरुरत है ? वह पहले बाज़ार जायेगा,फिर लौट कर आएगा ....इससे अच्छा है कि एक रेस्तरां में फोन लगाकर आर्डर दे दो, तो जल्दी डिलेवरी हो जायेगी ......कर्मचारी ने सोचा, वाकई यह समझदारी की बात है .......तभी तो डेस्क इंचार्ज है .....अब रेस्तरां का नंबर खोजा जाने लगा ... काफी ढूँढने के बाद फोन दायेरेक्ट्री मिली ... लेकिन उसमे पास वाले रेस्तरां का नम्बर नहीं था ....आखिर एक दूर के रेस्तरां का नम्बर लगाया जाने लगा ... इतने में कम्पनी का बॉस वहां पहुँच गया
जब पता चला कि समोसे मंगाने के लिए फोन लगाया जा रहा है .....तो उसने फोन करने से रोक दिया .....बॉस कहने लगा , 'हम साफ्ट वेयर कम्पनी के लोग हैं .....हमें सबसे उन्नत तकनीकी यानी इन्टरनेट का इस्तेमाल करना चाहिए '......अब समोसों का आर्डर देने के लिए इन्टरनेट पर शहर के ऐसे रेस्तरां का नाम सर्च किया जाने लगा , जो नेट के जरिये आर्डर लेता हो ......
आखिरकार एक ऐसा रेस्तरां मिल ही गया ... जब कर्मचारी उसकी वेब साईट के होमपेज पर पंहुचे, तो वहां आर्डर देने के लिए पहले रजिस्टर्ड होने का नियम था ........कर्मचारियों ने मिलजुल कर लम्बा चौडा रजिस्ट्र्रेशन फार्म भरा और उसे सेंड कर दिया ......उन लोगों ने राहत की सांस ली कि चलो, अंततः अब आर्डर तो दिया जा सकेगा ..... कुछ पलों के बाद उनके कम्प्यूटर की स्क्रीन पर मेसेज आया - 'आपके रजिस्ट्रेशन फार्म की जाँच की जा रही है ...आप तीन घंटे के बाद अपना आर्डर दे सकेंगे ...'
हा हा हा हा हा ......बेचारे भूख से बेहाल कर्मचारी .......
सबक .......
जरुरी नहीं कि सबसे उन्नत तकनीकी ही सबसे अच्छा तरीका भी हो .....आपके लिए कौन सा माध्यम सबसे अच्छा होगा , यह जरुरत और परिस्थिति पर निर्भर करता है ......

Sunday, January 15, 2012

The blackness of night

So what is the star of the broken eyes,
So what if he does not go with us..................

 
So what if they passed the night in waiting,
So what if he still has not come.....................


Good Morning

रात की तन्हाई

आखों से टूटते है सितारे तो क्या हुआ,
चलते नहीं वो साथ हमारे तो क्या हुआ.........................
उनके इंतजार में सारी रात गुज़र गयी तो क्या हुआ,
वो फिर भी नहीं आये तो क्या हुआ..............................

                 **************

चला चला मैं चला रात भर,
चाँद को कांधे पर रख कर..............
फिर सारा दिन मैं खड़ा रहा,
सूरज की उंगली पकड़ कर...................
 

दिल की बात सालियों के साथ

पहले दिल का हाल बताया, फिर सालियों संग कुछ यू बात की,
जीजा साली के बीच की बातो का, हमने पूरा लुफ्त उठाया,

जब बीवी को पता चला, तब उसने सारा राज निकलवाया,
फिर कान पकड़ कर पति के, जीजा साली का रिश्ता समझाया,
हल्की सी मुस्कान के साथ पति ने, बीवी को प्यार से समझाया,
तुम तो मेरी रानी हो, मेरे दिल की महारानी हो,

वो तुम्हारी बहने है, पर मेरी तो वो साली है,
फरक सिर्फ इतना है की..............................
तुम पूरे दिल की महारानी हो और वो आधे दिल की रानी है,
क्योकि प्रिये साली भी तो होती है आधी घर वाली.

Saturday, January 14, 2012

ज़िन्दगी का अनोखा सच

सिगरेट के धुए में उडती ज़िन्दगी को हमने देखा है,
शराब की बोतलों में बंद ज़िन्दगी को हमने देखा है,
प्यार में टूटते बिखरते लोगो को हमने देखा है,
ज़िन्दगी को बर्बाद करते लोगो को हमने देखा है,
प्यार में मिलते दो दिलो को हमने देखा है,
प्यार में टूटे एक दिल को भी हमने देखा है.

Friday, January 13, 2012

पहले दिल का हाल बताया, फिर सालियों संग कुछ यू बतिये,
जीजा साली के बीच की बातो का, हमने पूरा लुफ्त उठाया,
जब बीवी को पता चला, तब उसने सारा राज निकलवाया,
फिर कान पकड़ कर पति के, जीजा साली का रिश्ता समझाया,
हल्की सी मुस्कान के साथ पति ने, बीवी को प्यार से समझाया,
तुम तो मेरी रानी हो, मेरे दिल की महारानी हो,
वो तुम्हारी बहने है, पर मेरी तो वो साली है,
फरक सिर्फ इतना है की..............................
तुम पूरे दिल की महारानी हो और वो आधे दिल की रानी है,
क्योकि प्रिये साली भी तो होती है आधी घर वाली.

Thursday, January 12, 2012

msg of the day

Geet ki Zarurat mehfil mein hoti hai,
Pyar ki Zarurat dil se mein hoti hai,
Bin dosti ke adhuri hai ye zindagi,
Kyoki dost ki zarurat har pal mehsus hoti hai.

Tuesday, January 10, 2012

My Creation

मदमस्त हवाओ ने मुह मोहडा है, सूरज ने भी साथ छोड़ा है.
कोहरे की चादर के सामने, हमारी चादर ने भी साथ छोड़ा है.

My Creation

मदमस्त हवाओ ने मुह मोहडा है, सूरज ने भी साथ छोड़ा है.
कोहरे की चादर के सामने, हमारी चादर ने भी साथ छोड़ा है.

My Creation

दिन के उजाले में रात का अँधेरा नहीं होता,
लेकिन रात के अंधरे में रौशनी हमेशा होती है.

My Creation

रात में चमकते सितारों से मैंने कुछ पूछा,
पता नहीं क्यों उन्होंने मुह छुपा लिया.

Monday, January 9, 2012

thought

सोये तो नहीं थे हम, रात मगर कुछ ऐसी गुजरी कि...आंसुओं के बोझ से पलकें नहीं उठी

my creation

Raasto me Manzil or Manzil me Raasta,
Kabhi milta nahi, Banana padhta hai

Sunday, January 8, 2012

msg

"Jindagi me rishte nibhaa utna hi mushkil hota hai
Jitna haath me liye paani ko girne se bachana".

Friday, January 6, 2012

Wednesday, January 4, 2012

Thought of the day

Josh me kisi se koi wada karna koi samjhdaari nahi hai
Or
Hosh me rah kar koi wada karna koi bewakoofi nahi hai.
                                                                                   -arg

Tuesday, January 3, 2012

positive thought

 agar aap ko khud pe yakin hai to aap kaafi ucchai tak pahuch sakte ho.
Is sansar ki acchaio me aapko burai dikhne lage,
to aap kabhi sahi raaste pe nahi chal sakte.

                                                                -ARG

Monday, January 2, 2012

Kabhi koi aisa kaam mat karo,
Jiske liye aapko kisi ko"Sorry" kahna padhe.

Think Positive and Be Positive.