कली को फूल बनते किसने देखा है,
उस पर मंडराते भँवरे को किसने देखा है,
झूमती हुई तितलियों को किसने देखा है,
उसके सुन्दर रूप को किसने देखा है,
उस पर मंडराते भँवरे को किसने देखा है,
झूमती हुई तितलियों को किसने देखा है,
उसके सुन्दर रूप को किसने देखा है,
No comments:
Post a Comment